हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस (नवगीत) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ हिन्द देश के हैं हम वासी, हिन्दी सबकी जान हैं। अपनी संस्कृति जीवित इनसे, इनसे ही पहचान हैं।। संस्कृत से उद्गम यह भाषा, जीवन यही सँवारती। बने मातृ भाषा जन- जन की, चलो उतारें आरती।। देवनागरी लिपि है सुन्दर, हम सबको अभिमान हैं। हिन्द देश के हैं हम वासी.......... सहज सरल भाषा है हिन्दी, वर्णों का संसार है। स्वर-व्यंजन से शोभित है यह, शब्दों का भंडार है।। राष्ट्रगान का मान दिलाती, भारत की यह शान हैं। हिन्द देश के हैं हम वासी.............. तुलसी मीरा की वाणी है, ऋषि मुनियों का सार हैं। हिन्दी में उर्दू-अंग्रेजी, मिल पाये सत्कार हैं। विश्व पटल पर साथ चलें हैं, करते सब गुणगान हैं। हिन्द देश के हैं हम वासी............... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रचनाकार:- बोधन राम निषादराज"विनायक" सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ